इंजीनियरों ने कैसे बनाया असंभव बुर्ज अल अरब | How Engineers Made Impossible Buz Al Arab

इंजीनियरों ने कैसे बनाया असंभव बुर्ज अल अरब | How Engineers Made Impossible Buz Al Arab 



दोस्तों दुबई में बड़ी ही शान से खड़ी है बिल्डिंग जिसको हम बुर्ज अल अरब के नाम से भी जानते हैं

इस बिल्डिंग को ड्रीम पैलेस ऑफ दुबई के नाम से भी जाना जाता है फ्रांस की एफिल टावर से भी ऊंचा 321 मीटर से भी लंबा दुनिया का सबसे ऊंचा बिल्डिंग है पर इसमें साढे सात हजार करोड़ रुपए का खर्चा हुआ था मेन मेड आईलैंड पर दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग है साथ ही सबसे ज्यादा लग्जरीज भी जिस होटल में एक रात गुजारने के लिए 18 लाख रुपए के बराबर हो उस बिल्डिंग की शानो शौकत का पता लगाना आपके लिए मुश्किल नहीं होगा लेकिन दुबई के रोलर के लिए बुर्ज अल अरब होटल को बनाना काफी मुश्किल था

1950 में यह है मछुआरा का घर हुआ करता था लेकिन जब 1960 में दुबई से आयल निकालना शुरू हुआ फिर दुबई की हालात कुछ बेहतर होने लगी जहां उनको आयल निकलने की खुशी मिली वहीं पर उनको एक बुरी खबर भी सुनाई गई जियोलॉजिस्ट ने बताया कि दुबई में तेल सिर्फ 2016 तक ही निकल पाएगा यानी दुबई के पास सिर्फ 2016 तक का ही टाइम था शेख मोहम्मद बिन रशीद चाहते थे कि दुबई को एक टूरिस्ट स्पोर्ट बनाया जाए लेकिन आखिर यह मुमकिन कैसे होता क्योंकि उस वक्त दुबई के पास सिर्फ तीन एहसास थे सन सी और सेंड इस कड़कती धूप में भला क्यों कोई दुबई आने वाला था टूरिस्ट को अट्रैक्ट करने के लिए जरूरी था कि टूरिस्ट स्पॉट बनाया जाए और यह वही स्पॉट था 

जिसका सपना मोहम्मद बिन रशीद ने देखा था लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था एक तो समंदर बिल्डिंग बनाना था और ऊपर से कड़कती धूप यह बिल्डिंग बनाने के लिए जो भी इंजीनियर इसमें हाथ डालेगा यह तो पक्का था कि उसको अपनी लिमिट क्रॉस करनी पड़ेगी और बिल्कुल ऐसा ही हुआ इंजीनियर्स को ऐसे चैलेंज इस फेस करने पड़े जो इंजीनियर्स ने अपनी जिंदगी में कभी नहीं किए थे सबसे पहला चैलेंज चाहिए था शेख को इंप्रेस करना दुबई की बिल्डिंग बनवाना तो चाहता था लेकिन साथ में वह चाहता था कि कोई ऐसा डिजाइन लेकर आए जिससे पहली नजर में देखते ही पसंद आ जाए टॉम ब्राइट और उसकी टीम ने इस काम को अंजाम दिया सबसे पहले ट्राम राइड एक बोट पर बैठकर समंदर में गए और दूर से उन्हें एक सीलिंग बोट दिखती हैं तो बस उसी डिजाइन का बिल्डिंग बनाने का सोच लेते हैं फिर जब यह डिजाइन शेख के पास पेश की गई तो उन्होंने फौरन इस डिजाइन को अप्रूव कर लिया दूसरा चैलेंज किया था 

तुम ब्राइट को अप्रूव तो मिल गया था डिजाइन का लेकिन उससे भी बड़ा चैलेंज किया था कि समंदर में बिल्डिंग का काम चालू करना और फिर वही पर एक और परेशानी ने इनका काम रोक दिया क्योंकि डिजाइन के मुताबिक बिल्डिंग पानी के ऊपर बनना था इसलिए सबसे पहले वहां पर एक आईलैंड बनाना पड़ेगा लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह थी इतनी ऊंची बिल्डिंग बनानी है और इस तरह का बिल्डिंग किसी ने बनाने की सोची भी नहीं थी शुरुआती 1995 में आईलैंड का काम शुरू कर दिया गया था 

और इस प्रोजेक्ट को सिमोन क्रिस्पी हैंडल कर रहे थे और इन्होंने साहिल से 1500 फीट दूर पत्थर डलवाना शुरू कर दिया 5 महीनों के बाद साइलेंट की शक्ल नजर आने लगी थी इस आईलैंड को 200000 टन वजन बर्दाश्त करना था यह आइलैंड पूरी तरह से मुकम्मल भी नहीं हुआ था लेकिन वही हुआ जिसका सब को डर था एक ऐसा समुंदरी तूफान आया जिसने आईलैंड की हालत बिगाड़ दी यह खबर दुबई के शाही परिवार में आग की तरह फैल गई 5 महीनों की मेहनत और लाखों डॉलर खर्च करने के बाद भी यह सपना टूटते हुए दिख रहा था लेकिन कुछ महीनों बाद आईलैंड इंजीनियर माइक मेकमॉडल ने एक ऐसा तरकीब निकाला माइक का कहना था

 कि समुद्री लहरों को किसी तरह से भी रोका नहीं जा सकता है लेकिन उनका जोर हम जरूर कम कर सकते हैं फिर उन्होंने ऐसे होलो कॉंक्रीट स्लैब तैयार किए जो आईलैंड की दीवारों पर लगाए जाएंगे फिर जब पानी आईलैंड से टकराएगा तो उसे पहले होलो में गोल गोल घूम कर रह जाएगा यह खबर मिलते ही कंस्ट्रक्शन वालों में फिर एक जान आ गई अब तीसरी परेशानी यह थी बुर्ज अल अरब की शुरुआत करने की फाउंडेशन डालने के लिए आईलैंड पर 30 मीटर डीप खुदाई करके एक कॉफ़रडम बनाया गया इंजीनियर स्काई प्लान था

की बुर्ज अल अरब की फाउंडेशन सॉलि़ड स्टील पाइप पर रखी जाएगी लेकिन बहुत खुदाई करने पर भी कोई सॉलिड स्टील नहीं मिला यानी जिस जमीन में सॉलि़ड पाइप डालने जा रहे थे वहां पर रेत के सिवा कुछ नहीं था फाउंडेशन की बुनियाद सिर्फ रेत पर रखना खतरे से खाली नहीं था इस परेशानी से निपटने के लिए सिमोन क्रेस्पी ने एक आइडिया पेश किया और यह आईडिया था कि जब स्टील को जमीन के अंदर डालेंगे तो वहां पर कॉन्फ्रेंस सेंड पर रखा जाएगा फिर जब इंजीनियर्स ने जमीन के अंदर पता लगाया तो उन्हें कॉन्फ्रेंस सेंड मिल गया फिर बिना किसी इंतजार के 250 स्टील पाइप्स जमीन में डाल दिए गए स्टील पाइप्स के बाद कॉन्टेक्स्ट डालकर एक सॉलिड फाउंडेशन तैयार कर ली गई अब बुर्ज अल अरब की कंस्ट्रक्शन का काम एंड पर ही था

 तभी दुबई के शेख ने एक फरमाइश की कि उन्हें एक ऐसा रेस्टोरेंट्स चाहिए था जो हवा में फ्लो करता हो या फरमाइश  इंजीनियर्स के गले आ गए क्योंकि हवा में फ्लो करता हुआ रेस्टोरेंट बनाने के लिए पहले से ही नीचे मजबूती होना चाहिए शेख तो फरमाइश करके चले गए अपना तो आर्किटेक्ट को मना करने की हिम्मत थी और ना ही उनके पास कोई सलूशन था अब इसके आगे क्या होगा वह आप पार्ट 2 में जानेंगे दोस्तों मुझे उम्मीद है यह आर्टिकल आपको काफी पसंद आया होगा


इंजीनियरों ने कैसे बनाया असंभव बुर्ज अल अरब | How Engineers Made Impossible Buz Al Arab 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ